Table of Contents
- 1
- 2 आओ करे श्री कृष्ण का स्वागत
- 3 श्री अच्युत गोविन्द दास। इस्कॉन बैंगलोर।
- 3.1 On the occasion of
- 3.2 Digital Sri Krishna Janmashtami celebrations of ISKCON Bangalore
- 3.2.1 हर्ष के पादप फिर उग उठे हैं मन में खिली है उमंग कली, देखो फिर कृष्णोत्सव आया स्वागत में जुटी भक्त मंडली ।
- 3.2.2 –
- 3.2.3 कृष्ण पक्ष की तिथि अष्टमी अमावस की रंजित रजनी, नील – नभ में मधुर ध्वनि जब शृंगार करे माँ अवनि ।
- 3.2.4 –
- 3.2.5 मन मरुस्थल में अब सींच गया ,मंजुल मधुवन, श्री कृष्ण के स्वागत में प्रांगण हुआ वृंदावन ।
- 3.2.6 –
- 3.2.7 गगन सघन घन गर्जन से नृत्य को मन- मयूर है आतुर, स्वागत में श्री घनश्याम की फुट रहें अब भक्ति अंकुर ।
- 3.2.8 –
- 3.2.9 स्वागत में देखो रंगी रंगोली सबके आंगन घर- द्वार, उत्सव की राह देख रहे सभी पशु, नर और नार ।
- 3.2.10 –
- 3.2.11 मेघ बरस कर बूंद गिराते धरती करती अभिनंदन, अंजुलि में भर राग प्रीत का करबद्ध करें सब अभिवंदन ।
- 3.2.12 –
- 3.2.13 मृदंग तरंग के धुन से बज रहा स्वागत संगीत, हृदय की कोमल थाली में खिल रहें पुहुप पुनीत ।
- 3.2.14 –
- 3.2.15 मन चमन में फूल खिले हैं और नेत्रों में प्रेम क्रंदन, पूजा थाल लिए खड़े सब सजा कर तिलक और चंदन ।
- 3.2.16 –
- 3.2.17 जन्माष्टमी के इस महापर्व में सम्पूर्ण हुए आवभगत, आओ मिलकर करें सब श्री कृष्ण का हार्दिक स्वागत ।
- 3.2.18 –
- 3.2.19 अच्युत गोविंद दास (इस्कॉन बैंगलोर)
आओ करे श्री कृष्ण का स्वागत
श्री अच्युत गोविन्द दास। इस्कॉन बैंगलोर।
On the occasion of
Digital Sri Krishna Janmashtami celebrations of ISKCON Bangalore